गाड़ी में लाल बत्ती या नीली बत्ती और सायरन बजना एक ही गाडी की पहचान होती है, वो है एम्बुलेंस। तेजी से बजता इसका सारयन और रंगों से सजा होना ही इसकी पहचान नहीं होती, बल्कि इसपर लिखा एम्बुलेंस भी इसकी खास पहचान होती है। सायरन से ही लोग पहचान लेते हैं, कि रास्ते से एबुलेंस गुज़र रही होगी। लेकिन इसकी जो खास बात होती है वो है, उस पर एबुलेंस का उलटा लिखा होना, जिसकी वजह बेहद ही कम लोग जानते होंगे, तो अाज हम आपको बताते हैं वो कारण, जिसकी वजह से एम्बुलेंस उलटा लिखा होता है?

बताते हैं, कि पुराने वक्त में एंबुलेंस में लगे सायरन कभी हवा के दबाव से चलाए जाते थे, और कभी घंटिया बजाकर इसके आने को संकेत दिया जाता था। लेकिन आज ये काम असानी से इलेक्ट्रानिक सारयन कर देता है। खैर लोगों को एम्बुलेंस में सारयन का लगा होना तो समझ आता है,लेकिन एम्बुलेंस का उलटा लिखा होने का क्या सकेंत है ये हर कोई नहीं जानता है जिसकी वजह भी कुछ खास है।

एम्बुलेंस को अलग दिखाना, उसको अलग तरह की पहचान देने के पिछे खास वजह ये ही होती है कि लोग उसे जल्दी और दूर से पहचान ले और एमरजेंसी में एम्बुलेंस को जाने की जगह दी जा सके। इसके लिए इसका रंग नीला और लाल किया जाता है, लेकिन कई दूसरे देशों में इसका रंग हरा, नारंगी भी इस्तेमाल होता है।

देशभर मे एम्बुलेंस के रंग भले ही अलग हो, लेकिन एम्बुलेंस में सामने की ओर अंग्रेजी में उलटा एम्बुलेंस जरुर देखा होगा, जो हर जगह की एम्बुलेंस में पाया जाता है जिसका वजह होती है, कि आगे चल रही गाडियों के ड्राइवरों को पीछे आती गाडियों के अक्षर साफ दिखाई पड़ सकें, क्योकि आगे चल रही गाडी हमेशा पीछे की गाड़ी को शीशे से देखा करती है, जिससे एम्बुलेंस के उलटे अक्षर शीशे में साफ और सीधे दिखाई पडते हैं।

एम्बुलेंस की ये खास वजह ही एम्बुलेंस को यूनिक बनाती है, जिसकी पहचान लोगों को दूर से ही हो जाया करती है। जिसकी वजह से एमरजेंसी सिचुएशन में लोग भीड़ में भी पहले रास्ता एम्बुलेंस को दिया करते हैं। आपको बता दें, कि एम्बुलेंस सिर्फ मोटरगाडियों में ही नहीं होती है, इसके अलावा एम्बुलेंस हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर, नाव, घोडागाड़ी, मोटर साइकिल और साइकिल पर भी होती है।